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घट बड़ कबहुँ न देखिए और प्रेम सकल भरपूर जाने ही ते निकट है और अनजाने ते दूर भजन लिरिक्स

घट बड़ कबहुँ न देखिए और प्रेम सकल भरपूर जाने ही ते निकट है और अनजाने ते दूरटिल के ओट राम है, ने परबत मेरे भाई सदगुर मिल परिचय भय, ना तभ पाया घट माहि  हमे साहिब से मिलना है, हमे सतगुरु से मिलना है अरे मैं तो नशे में खूब यार, मेरे गुरु से मिलना है  इस […]

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सद्गुरु जिन का नाम है, मन के भीतर धाम है ऐसे दीनदयाल को मेरा बार बार प्रणाम है भजन लिरिक्स

सद्गुरु जिन का नाम है, मन के भीतर धाम है ऐसे दीनदयाल को मेरा बार बार प्रणाम है  सद्गुरु जिन का नाम है, मन के भीतर धाम है ऐसे दीनदयाल को मेरा बार बार प्रणाम है  कैसे करूँ मैं वंदना, ना स्वर है ना आवाज आज पृख्शा है मेरी, मेरी लाज राखो गुरु आप   कबीरा जब […]