मन रे कर सत्संग सुख भारी लिरिक्स man re kar satsang sukh bhari मन रे कर सत्संग सुख भारी लिरिक्स (हिन्दी) मन रे कर सत्संग सुख भारी नारद की काटी चौरासी ,कालू कीर की राय, लादु अजमल तीर गया ,पुत्र नारायण लो लगाय, सज्जन कसाई सुधारिया ,बकरी का उपदेश, लादु पापी पार हुआ ,यह सत्संग […]