थारी माया नगरी काई काम की भजन लिरिक्स
Thari Maya Nagri Kai Kaam Ki
थारी माया नगरी काई काम की भजन लिरिक्स (हिन्दी)
थारी माया नगरी काई काम की,
दोहा राणो बोल्यो मीरा ने,
ये छोड़ द्यो भगवा वेश,
मेवाड़ी राणा में किज्या,
म्हारे मन में पुगे ठेस।
काई पड्यो इन भक्ति में,
थे चालो मेहला माहि,
दास्या थारी करे चाकरी,
थारी खूब चले ठकुराई।
मीरा बोली सुन राणा जी,
क्यों बाता में बिल्मावे,
म्हारे हिवड़े माहि बस,
वो सांवरियो ही भावे।
थारी माया नगरी काई काम की,
राणा जी म्हारे,
लागि लगन घनश्याम की।।
दोहा म्हारे मन के पिछले कोणे में,
वो सांवरियो छुप बैठ गयो,
काम क्रोध मद लोभ अहम,
सगलो का दुःख मेट गयो।
राणा जी म्हारे,
लागि लगन घनश्याम की,
मैं तो बावली भई रे हरि नाम की,
राणा जी म्हारे,
लागि लगन घनश्याम की।।
पायो राम रतन धन मोकलो,
अब ई झूठी माया को काई सोचणो,
नहीं भावे मने चूड़ो राणा,
ना ही काजल टिकी,
नटवर नागरिया के आगे,
सगली चीजा फीकी,
राणा जी म्हारे,
लागि लगन घनश्याम की।।
पायो राम रतन धन मोकलो,
अब ई झूठी माया को काई सोचणो,
म्हारी राखे खबर आठों याम की,
राणा जी म्हारे,
लागि लगन घनश्याम की।।
मैं तो लेके एकतारा नाचूं जोर की,
मैं तो दरश दीवानी चितचोर की,
जनम जनम नहीं टूटे म्हारो,
हेत हरि से अटूट,
कहनो मेरो मान ले राणा,
तने ले चालूं वैकुण्ठ,
राणा जी म्हारे,
लागि लगन घनश्याम की।।
मैं तो लेके एकतारा नाचूं जोर की,
मैं तो दरश दीवानी चितचोर की,
राणा ना कर बातां अज्ञान की,
राणा जी म्हारे,
लागि लगन घनश्याम की।।
राणा भक्ति में शक्ति बड़ी भारी रे,
लक्खा अमृत है नाम गिरधारी रे,
जिन जिन जपियो श्याम नाम,
वो भव सु हो गयो पार,
श्याम नाम नहीं छोडूं राणा,
चाहे छूट जाए घरबार,
राणा जी म्हारे,
लागि लगन घनश्याम की।।
राणा भक्ति में शक्ति बड़ी भारी रे,
लक्खा अमृत है नाम गिरधारी रे,
श्याम मीरा का मीरा हो गई श्याम की,
राणा जी म्हारे,
लागि लगन घनश्याम की।।
थारी माया नगरी काई काम की,
राणा जी म्हारे,
लागि लगन घनश्याम की,
मैं तो बावली भई रे हरि नाम की,
राणा जी म्हारे,
लागि लगन घनश्याम की।।
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